एक बदनाम आश्रम

10 एपिसोडस
A
2022
Content Descriptortobacco depictions, violence, alcohol use, nudity, sexual content, foul language, substance use
Publisherप्रकाश झा प्रोडक्शन्स
काशीपुर वाले बाबा निराला सत्ता के सरताज बनकर उभरे हैं, हुकुम सिंह को राज्य का मुख्यमंत्री बनवाकर। हुकुम सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ज़रूर बैठे हैं लेकिन वो सिर्फ एक कठपुतली हैं। वो कैबिनेट बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि आश्रम इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाते हुए हर पद उसे बेच रहा है जो सबसे ऊंची बोली लगा रहा है। भोपा की दहशत और बाबा के प्रति प्यार और विश्वास की बदौलत, आश्रम की ताकत चरम पर है। लेकिन बाबा का इतने वर्चस्व और प्रसिद्धी से भी मन नहीं भरा है। बाबा को बार-बार पम्मी का ख़याल सता रहा है जो आश्रम से भागने में कामयाब रही थी, और ये बाबा को बेचैन कर रहा है। उन्हें वो हर हाल में वापस चाहिए है। पम्मी और अक्की आश्रम के ताकतवर लोग और राज्य की पुलिस से बचने के लिए लगातार यहाँ से वहाँ भाग रहे हैं। सब-इंस्पेक्टर उजागर सिंह पम्मी और अक्की को सुरक्षित रहने में मदद करते हैं और बाबा का पर्दाफ़ाश कर पम्मी को न्याय दिलाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। चुनाव में जीत बाबा के लिए काफ़ी नहीं है, उन्हें और भी बहुत कुछ हासिल करना है, उन्हें सब पर राज करना है! हुकुम सिंह इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए बाबा को अपनी लंदन से आई दोस्त, इमेज मेकर सोनिया हीरावत से मिलवाता है। वो सुबह बाबा के ध्यान के दौरान ग्लैमरस अंदाज़ में आती है और बाबा के पैरों में गिर जाती है, एक सच्चे शिष्य की तरह। वो बाबा को देखती है और उन्हें 'भगवान' कहकर पुकारती है। सोनिया का जादू बाबा पर छा गया है और उन्हें अपना अगला बड़ा लक्ष्य मिल गया है जिसकी उन्हें तलाश थी। सोनिया सफलतापूर्वक बाबा के "भगवान" बनने की चाह को ऊपर ले आती है। दूसरी तरफ़ पम्मी की इंसाफ़ के लिए लड़ाई जारी है क्योंकि कोई भी ताकतवर भगवान निराला के ख़िलाफ़ कदम नहीं उठाना चाहता है। क्या पम्मी "भगवान" के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई में जीत पाएगी?

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