मत्स्य कांड डार्क थीम को नए ज़माने के मुताबिक़ प्रस्तुत करता है। एक तेज़ दिमाग चोर हिंसा के बजाय चालाकी, समझदारी और अपने आकर्षण का इस्तेमाल करके बदला लेता है। वैसे नायक की कहानी प्रतिशोध से भरी है लेकिन ये बुराई, गैर ज़रूरी रंजिश नहीं दिखाती है, न ही इसमें कोई मारा जाता है। इसमें बदला लेने का तरीका देखने लायक है। नायक के दुश्मन उससे एकदम विपरीत हैं जो हैं तो उसी की तरह तेज़ दिमाग हैं लेकिन वो हिंसा की सारी हदें पार कर सकते हैं। वो क्रूर और बेरहम हैं। मत्स्य कांड इन दो दुनियाओं का टकराव है। मत्स्य कांड को मत्स्य और उसके नमूनों के रोमांचक कारनामे भी कह सकते हैं। मत्स्य चोरी। ठगी की आड़ में छुपी बदले की दास्तान है।